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Chapter Analysis
Intermediate44 pages • HindiQuick Summary
इस अध्याय में समांतता और अवकलनीयता के मूलभूत सिद्धांतों और उनके अनुप्रयोगों का अध्ययन किया गया है। समांतता के लिए सीमा अवधारणा का उपयोग कर और अनुलग्न सीमा के आधार पर कार्य की समांतता की परिभाषा दी गई है। अवकलझ्या (derivative) के द्वारा एक कार्य की दर परिवर्तन को मापा गया है और इसके भौतिक और वास्तविक जीवन में अनुप्रयोगों को दर्शाया गया है。
Key Topics
- •समांतता की संकल्पना
- •सीमा और समांतता का संबंध
- •अवकलनीयता की परिभाषा
- •कार्य के अवकलज के अनुप्रयोग
- •संलग्न सीमा
- •विभिन्न प्रकार के कार्य और उनकी अवकलनीयता
- •समांत कार्यों की बीजगणित
- •अवकलनीयता के लिए आवश्यक स्थितियाँ
Learning Objectives
- ✓समांत कार्य की परिभाषा समझना
- ✓कार्य की अवकलनीयता जांचने की क्षमता विकसित करना
- ✓सीमा अवधारणा के उपयोग में निपुण होना
- ✓विभिन्न कार्यों के अवकलज को पहचानना
- ✓अनुप्रयोग आधारित समस्याओं का समाधान करना
Questions in Chapter
फ्ल दायित्व, iQyu f (x) = 5x - 3, x = 0, x = -3 तथा x = 5 पर लारिता है।
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x = 3 पर iQyu f (x) = 2x^2 - 1 के लेकारिता की जाँच करें।
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Additional Practice Questions
समांतता की परिभाषा को संक्षेप में समझाएँ।
mediumAnswer: समांतता का अर्थ है कि किसी कार्य का हालात मूल्य उसके सीमा के मूल्य के समान होता है। इसे गणितीय रूप से दर्शाया जा सकता है कि यदि lim (x→c) f(x) = f(c), तो कार्य x = c पर समांत है।
अवकलनीयता का गणितीय अर्थ क्या है?
mediumAnswer: अवकलनीयता का अर्थ है कि किसी बिंदु पर कार्य का अवकलज मौजूद है। यह कार्य के तात्कालिक परिवर्तन दर को दर्शाता है। यह तब संभव है जब कार्य उस बिंदु पर समांत हो और उसका अनुलग्न सीमा भिन्न हो।