Chapter 13: नाभिक

Physics Part 2 - Hindi • Class 12

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Chapter Analysis

Advanced15 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय 'नाभिक' में नाभिकीय भौतिकी के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया गया है। इसमें नाभिकीय संरचना, नाभिकीय विघटन, और ऊर्जा उत्पत्ति की प्रक्रियाओं का विश्लेषण किया गया है। इसके अलावा, रेडियोधर्मिता के प्रकार जैसे अल्फा, बीटा और गामा विकिरण, और इनके भौतिक गुणों पर चर्चा की गई है।

Key Topics

  • नाभिकीय संरचना
  • बंधन ऊर्जा
  • रेडियोधर्मिता
  • नाभिकीय फ्यूज़न
  • नाभिकीय फिशन
  • एंटी-पार्टिकल्स
  • रेडियोधर्मिता के प्रकार

Learning Objectives

  • छात्र नाभिकीय संरचना की समझ विकसित करें।
  • रेडियोधर्मिता के प्रकारों के बीच अंतर करना सीखें।
  • नाभिकीय फ्यूज़न और फिशन को समझ सकें।
  • बंधन-ऊर्जा की गणना करने के लिए विवेचनात्मक क्षमताओं का विकास करें।

Questions in Chapter

13.1 Fe56_26 और Bi209_83 नाभिकों की बंधन-ऊर्जा MeV में ज्ञात कीजिए।

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13.2 H_3_1 के लिए बंधन ऊर्जा सर्वांगिन वृषण (total mass defect) का उपयोग करके ज्ञात कीजिए। यदि H_3_1 का द्रव्यमान 3.016049u हो और एक प्रोटॉन का द्रव्यमान 1.007825u हो।

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Additional Practice Questions

रेडियोधर्मिता के मुख्य प्रकार क्या हैं और उनकी विशेषताएँ क्या हैं?

easy

Answer: रेडियोधर्मिता के तीन मुख्य प्रकार होते हैं: अल्फा विकिरण, जिसमें हीलियम नाभिक उत्सर्जित होते हैं; बीटा विकिरण, जिसमें इलेक्ट्रॉन्स या पोज़िट्रोंस उत्सर्जित होते हैं; और गामा विकिरण, जिसमें उच्च ऊर्जा फोटॉन्स उत्सर्जित होते हैं।

नाभिकीय फ्यूज़न और नाभिकीय फिशन में क्या अंतर हैं?

medium

Answer: नाभिकीय फ्यूज़न वह प्रक्रिया है जिसमें हल्के नाभिक मिलकर भारी नाभिक का निर्माण करते हैं, जैसे सूर्य में होता है। नाभिकीय फिशन उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें भारी नाभिक हल्के नाभिकों में विभाजित होते हैं, जैसा कि नाभिकीय बमों में होता है।

कैसे रेडियोआइसोटोप चिकित्सा में उपयोगी होते हैं?

medium

Answer: रेडियोआइसोटोप चिकित्सा में रोग निदान और उपचार में सहायक होते हैं। उदाहरण के लिए, आयोडीन-131 का उपयोग थायरॉइड कैंसर के उपचार में किया जाता है।