Chapter 14: अर्धचालक इलेक्ट्राॅनिकी- पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ

Physics Part 2 - Hindi • Class 12

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Chapter Analysis

Intermediate20 pages • Hindi

Quick Summary

यह अध्याय अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी, इसकी सामग्री, विभिन्न युक्तियों और सरल परिपथों की व्याख्या करता है। इसमें मुख्य रूप से p-n जंक्शन, डायोड, ट्रांजिस्टर और उनके कार्य सिद्धांतों पर चर्चा की गई है। यह अध्याय इन युक्तियों के निर्माण और उपयोगों को भी स्पष्ट करता है, साथ ही अर्धचालकों के भौतिक गुणों और उनके इलेक्ट्रॉनिक गुणों पर भी प्रकाश डालता है।

Key Topics

  • p-n जंक्शन का निर्माण और कार्य
  • डायोड की विशेषताएँ
  • ट्रांजिस्टर का परिचालन
  • अर्धचालक सामग्री के प्रकार
  • बायसिंग तकनीक
  • डिप्लीशन परत और उसके प्रभाव
  • अर्धचालक युक्तियों के अनुप्रयोग

Learning Objectives

  • अर्धचालकों के भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक गुणों को समझना
  • p-n जंक्शन का उपयोग और कार्यशैली समझना
  • डायोड और ट्रांजिस्टर के कार्य सिद्धांत सीखना
  • अर्धचालक युक्तियों के निर्माण की विधियों को समझना
  • बायसिंग के प्रभावों का अध्ययन करना

Questions in Chapter

अर्धचालक क्या है और उनके उदहारण दीजिए।

Answer: अर्धचालक वे पदार्थ होते हैं जिनकी चालकता धातुओं और अचालकों के बीच होती है। उदाहरण: सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge)।

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p-n जंक्शन का निर्माण कैसे किया जाता है?

Answer: p-प्रकार और n-प्रकार के अर्धचालक को मिलाकर p-n जंक्शन तैयार किया जाता है।

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p-n जंक्शन के अनुप्रयोग क्या हैं?

Answer: p-n जंक्शन का उपयोग डायोड और ट्रांजिस्टर बनाने में होता है।

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Additional Practice Questions

विभिन्न अर्धचालक युक्तियों में बायसिंग का महत्व क्या है?

medium

Answer: बायसिंग से युक्ति के संचालन की विशेषताएं नियंत्रित की जाती हैं, जैसे डायोड में फॉरवर्ड और रिवर्स बायसिंग।

p-n जंक्शन में डिप्लीशन परत क्या है?

medium

Answer: डिप्लीशन परत एक ऐसी परत होती है जहाँ पर इलेक्ट्रॉनों और छिद्रों की संख्या कम हो जाती है जिससे वह परत निष्क्रिय बन जाती है।

अर्धचालकों में बहुलक यौगिकों के उपयोग के लाभ क्या हैं?

hard

Answer: बहुलक यौगिक फ्लेक्सिबल होते हैं और इन्हें विभिन्न रूपों में ढाला जा सकता है, जिससे उनकी एप्लीकेशन की क्षमता बढ़ जाती है।

डायोड का वोल्ट-अंपियर (V-I) विशेषता ग्राफ कैसे होता है?

easy

Answer: डायोड का V-I ग्राफ एक दिशा में संचालन को दर्शाता है, जहाँ फॉरवर्ड बायस में चालकीय होता है और रिवर्स बायस में अचालकीय।

ट्रांजिस्टर में एमिटर, बेस और कलेक्टर का कार्य क्या है?

hard

Answer: एमिटर वोल्टेज को बेस पर नियंत्रित करता है और बेस की मदद से कलेक्टर को संचालित करता है।