Chapter 2: एक दल के प्रभुत्व का दौर

Political Science Part 2 - Hindi • Class 12

Download PDF

Loading PDF...

Chapter Analysis

Intermediate47 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में भारतीय राजनीति में कांग्रेस पार्टी के प्रभुत्व के दौर का विश्लेषण किया गया है। यह स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस की संस्थापक भूमिका, इसके विजयों और आंतरिक चुनौतियों के संदर्भ में का अध्ययन प्रस्तुत करता है। इसमें इस बात की विवेचना की गई है कि कैसे यह एक-दलीय प्रभुत्व वाली व्यवस्था से बहुदलीय प्रतिस्पर्धा की ओर बढ़ी।

Key Topics

  • कांग्रेस का प्रभुत्व
  • आंतरिक चुनौतियाँ और विभाजन
  • बहुदलीय राजनीतिक प्रतिस्पर्धा
  • प्रथम आम चुनाव
  • विपक्षी दलों का उदय

Learning Objectives

  • भारतीय राजनीति में कांग्रेस के प्रभुत्व के दौर को समझना
  • विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतियोगिता का विश्लेषण करना
  • राजनीतिक दलों के आंतरिक संघर्षों और चुनौतियों को पहचानना
  • स्वतंत्रता के बाद भारतीय लोकतंत्र की हिंडोलना को समझना

Questions in Chapter

कांग्रेस पार्टी के प्रभावी प्रभुत्व की मुख्य विशेषता क्या थी?

Page 43

1952-67 के दौरान किन दो राज्यों में कांग्रेस सत्ता में नहीं थी?

Page 43

कांग्रेस के नेतृत्व परिवर्तनों का वर्णन करें।

Page 37

Additional Practice Questions

1951-52 के चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा था?

medium

Answer: कांग्रेस पार्टी ने इन चुनावों में भारी बहुमत से विजय प्राप्त की थी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारतीय जनता ने इस पार्टी पर अपना विश्वास व्यक्त किया था।

कांग्रेस पार्टी के आंतरिक विभाजन का क्या प्रभाव पड़ा?

hard

Answer: आंतरिक विभाजन ने पार्टी की शक्ति को कमजोर कर दिया और इसे नई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इससे विपक्षी दलों को स्थान मिला।

कांग्रेस के प्रभुत्व का अंत कब और क्यों हुआ?

medium

Answer: कांग्रेस का प्रभुत्व 1964 के बाद कमजोर पड़ने लगा, जब धर्मनिरपेक्ष और आर्थिक नीतियों को लेकर विवाद हुए।

स्वतंत्रता के बाद भारतीय राजनीति में कांग्रेस का क्या योगदान था?

easy

Answer: स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने भारतीय राजनीति को स्थिरता प्रदान की और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत बनाने में योगदान दिया।

कांग्रेस के प्रभुत्व को चुनौती देने वाले प्रमुख विपक्षी दल कौन से थे?

medium

Answer: भारतीय जनसंघ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और समाजवादी पार्टी प्रमुख विपक्षी दल थे जिन्होंने कांग्रेस को चुनौती दी।