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Chapter Analysis
Intermediate8 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय नियोजित विकास की राजनीति पर केंद्रित है। इसमें मुख्य रूप से भारत में नियोजित विकास के आरंभ, उसके उद्देश्यों, और कार्यान्वयन की प्रक्रिया पर चर्चा की गई है। प्रथम पंचवर्षीय योजना और उसके उपरांत की योजनाओं के प्रभाव और चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके अतिरिक्त, इस दौर के राजनीतिक तथा आर्थिक विचारधाराओं का विश्लेषण किया गया है।
Key Topics
- •पंचवर्षीय योजनाएँ
- •आर्थिक विकास के विचारधाराएँ
- •नियोजित विकास की चुनौतियाँ
- •प्रथम पंचवर्षीय योजना
- •राजनीतिक और आर्थिक नीति
- •सामाजिक न्याय
Learning Objectives
- ✓नियोजित विकास की अवधारणा को समझना
- ✓भारत में पंचवर्षीय योजनाओं के इतिहास का ज्ञान प्राप्त करना
- ✓विकास योजनाओं की सफलता और सीमाओं का अध्ययन करना
- ✓आर्थिक नीति और सामाजिक-राजनीतिक प्रभावों का विश्लेषण करना
Questions in Chapter
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Additional Practice Questions
भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना के कार्यान्वयन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
mediumAnswer: प्रथम पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में आर्थिक पुनर्निर्माण और विकास की नींव रखना था ताकि देश गरीबी से मुक्त होकर आत्मनिर्भरता की और अग्रसर हो सके।
नियोजित विकास के दौरान सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियाँ कौन-कौन सी थीं?
hardAnswer: प्रमुख चुनौतियों में संसाधनों की कमी, प्रशासनिक अक्षमता, और विविध सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले क्षेत्रों में समन्वय की कमी शामिल थी।
भारत के विकास योजनाओं में सामाजिक न्याय का महत्व वर्णन करें।
mediumAnswer: सामाजिक न्याय योजनाओं का एक महत्वपूर्ण पहलू था, जो आर्थिक विकास के फलों को समाज के सभी वर्गों तक पहुँचाकर समग्र विकास का प्रयास करता था।
दूसरी पंचवर्षीय योजना के तहत किस क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया और क्यों?
mediumAnswer: दूसरी पंचवर्षीय योजना के तहत भारी उद्योगों पर विशेष ध्यान दिया गया, क्योंकि इसका उद्देश्य आत्मनिर्भरता बढ़ाना और औद्योगिक आधार को मजबूत करना था।
नियोजित विकास की अवधारणा के मूल सिद्धांत क्या थे?
easyAnswer: मूल सिद्धांतों में आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करना, सामाजिक समानता सुनिश्चित करना और सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास करना शामिल था।