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Chapter Analysis
Intermediate18 pages • HindiQuick Summary
यह अध्याय भारत की विदेश नीति के विभिन्न पहलुओं का वर्णन करता है। इसमें भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष, बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम, और भारत के अन्य देशों के साथ सामरिक संबंधों का विवेचन है। साथ ही, भारत की गुटनिरपेक्षता की नीति और उसके अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भूमिका को भी समझाया गया है। इस अध्याय में भारत के सुरक्षा मामलों और आर्थिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
Key Topics
- •भारत-पाकिस्तान संबंध
- •गुटनिरपेक्षता की नीति
- •बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम
- •भारत-चीन संबंध
- •अंतरराष्ट्रीय संगठन
- •भारत की सुरक्षा नीति
- •आर्थिक विकास और विदेश नीति
- •क्षेत्रीय सहयोग
Learning Objectives
- ✓भारत की गुटनिरपेक्षता नीतियों को समझना
- ✓भारत-पाकिस्तान संघर्षों के कारणों और परिणामों का विश्लेषण करना
- ✓भारत की विदेश नीति में आर्थिक विकास के महत्व को पहचानना
- ✓अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत की भूमिका का मूल्यांकन करना
Questions in Chapter
विदेश नीति का निर्धारण कठिन विकल्पों और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के दबाव में होता है। उदाहरण के साथ अपने उत्तर की पुष्टि करें।
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भारत की विदेश नीति शांति और सहयोग की स्थापनाओं को आधार बनाकर निर्मित की गई है।
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Additional Practice Questions
भारत की गुटनिरपेक्षता की नीति के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
mediumAnswer: गुटनिरपेक्षता की नीति का उद्देश्य भारत को किसी भी सैन्य गुट का हिस्सा बनने से दूर रखना था। इसका लक्ष्य दोनों महाशक्तियों के बीच संतुलन बनाए रखना और विकासशील देशों के पक्ष में आवाज उठाना था।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के कारणों की व्याख्या करें।
hardAnswer: 1971 के युद्ध के मुख्य कारण थे पूर्वी पाकिस्तान में चुनाव के बाद उत्पन्न असंतोष और लाखों बांग्लादेशी शरणार्थियों की भारत में आमद। भारत ने मानवीय आधार पर बांग्लादेश की आजादी का समर्थन किया, जिससे संघर्ष उत्पन्न हुआ।
भारत की विदेश नीति में शांति सम्मेलन कौन से महत्वपूर्ण मोड़ थे?
mediumAnswer: भारत निर्गुट आंदोलन के बांडुंग सम्मेलन में भाग लेकर अंतरराष्ट्रीय शांति और सहयोग की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भागीदार बना।
भारत की आर्थिक विकास नीति का अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ा?
mediumAnswer: भारत की आर्थिक विकास नीति ने उसे एक मजबूत क्षेत्रीय शक्ति बनाया और वैश्विक आर्थिक मंचों पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।