Chapter 9: प्रकृति पर्व - फूलदेई

Hindi • Class 3

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Chapter Analysis

Beginner7 pages • Hindi

Quick Summary

फूलदेई उत्तराखंड का लोकप्रिय पर्व है, जो बच्चों द्वारा मनाया जाता है और इसे 'बाल पवित्र' भी कहा जाता है। यह पर्व चैत्र माह की संक्रांति के दिन से शुरू होता है और मास के आरंभ में बच्चों द्वारा फूल जमा कर घरों की देहली पर रखे जाते हैं। इसके पीछे का उद्देश्य प्रकृति से जुड़ाव और सामाजिक सद्भावना का विस्तार करना है। इस पर्व के दौरान बच्चे घर-घर जाकर फूलों की अराधना करते हैं और उन्हें चावल, गुड़ और अन्य उपहार मिलते हैं।

Key Topics

  • फूलदेई का महत्व
  • प्रकृति से प्रेम
  • समाजिक सद्भावना
  • उत्तराखंड की परंपराएँ
  • वसंत ऋतु का आगमन
  • हिमालय की वनस्पति
  • कुमाऊंनी संस्कृति

Learning Objectives

  • बच्चे प्रकृति से प्रेम करना सीखें
  • सामाजिक सद्भाव और एकता को समझें
  • स्थानीय त्योहारों और परंपराओं का ज्ञान प्राप्त करें
  • लोकगीतों और पर्व के सांस्कृतिक महत्व को जानें
  • हिमालयी क्षेत्र की वनस्पति और उसके औषधीय गुणों की पहचान करें

Questions in Chapter

तयो्हार ‍तयों मनाए जाते ्हैं?

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आपका वप्रय तयो्हार कौन-सा ्ह?ै

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आप अपना वप्रय तयो्हार कैसे मनाते ्हैं?

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िसंत ऋतु के आगमन पर भारत में मनाए जाने िाले तयो्हार कौन-कौन से ्हैं?

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िक्माऊँ क्षेत्र में माँ को इजा क्हकर पकुारते ्हैं। आप अपनी माँ को ‍तया क्हकर पकुारते ्हैं?

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Additional Practice Questions

फूलदेई का मुख्य उद्देश्य क्या है?

easy

Answer: फूलदेई का मुख्य उद्देश्य बच्चों को प्रकृति से जोड़ना और समाज में सद्भावना का संदेश देना है।

फूलदेई पर्व किस ऋतु के आगमन का प्रतीक है?

easy

Answer: फूलदेई पर्व वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है।

इस पर्व में 'फुलारी' का क्या महत्व है?

medium

Answer: 'फुलारी' वे बच्चे होते हैं जो घर-घर जाकर फूल चढ़ाते और गीत गाते हैं। उनकी उपस्थिति से पर्व का उल्लास बढ़ता है।

फूलदेई पर्व के दौरान बनाए जाने वाले प्रमुख व्यंजन कौन-कौन से हैं?

medium

Answer: फूलदेई पर्व के दौरान प्रमुख व्यंजन जैसे कि हलवा, चोई और पापड़ी बनाए जाते हैं।

फूलदेई पर्व को 'बाल पवित्र' क्यों कहा जाता है?

easy

Answer: फूलदेई पर्व बच्चों द्वारा मनाया जाता है और यह बच्चों को प्रकृति और संस्कारों से जोड़ता है इसलिए इसे 'बाल पवित्र' कहा जाता है।