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Chapter Analysis
Intermediate8 pages • HindiQuick Summary
यह कहानी तेनालीरामन की बुद्धिमत्ता पर आधारित है। तेनाली को राजा के साथ शतरंज खेलने का आदेश मिलता है, लेकिन तेनाली शतरंज नहीं खेलता। अंततः, तेनाली अपनी चतुराई से ऐसी चाल चलता है कि राजा को आश्चर्य होता है और कहानी में हास्यपूर्ण मोड़ आता है।
Key Topics
- •तेनालीरामन की चतुराई
- •दरबार का हास्यपूर्ण माहौल
- •शतरंज और सामरिक खेल
- •राजा-प्रजा संबंध
- •समस्याओं के चतुर समाधान
- •बुद्धिमत्ता की ताकत
Learning Objectives
- ✓विद्यार्थी तेनालीरामन की चतुराई के उदाहरणों को समझ सकें।
- ✓विद्यार्थी हास्य और बुद्धिमत्ता के संबंध को पहचान सकें।
- ✓विद्यार्थी शतरंज के खेल के महत्व को जान सकें।
- ✓विद्यार्थी पारंपरिक कहानियों से समस्याओं के समाधान सीख सकें।
Questions in Chapter
सभी दरबारी तेनालीरामन से ईर्ष्या क्यों करते थे?
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दरबारियों ने राजा से तेनालीरामन के बारे में क्या कहा?
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शतरंज खेलते समय राजा को तेनालीरामन पर क्रोध क्यों आ रहा था?
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तेनालीरामन ने मुंडन से बचने के लिए क्या चाल चली?
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घर में खेले जाने वाले खेलों में आपको सबसे अच्छा खेल कौन-सा लगता है?
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Additional Practice Questions
तेनालीरामन के कुत्ता नहीं खरीदने का कारण क्या था?
easyAnswer: तेनालीरामन की बुद्धिमत्ता और चतुराई के कारण, अक्सर वह ऐसी स्थिति से निपटता था जब उसे लाभ मिलता था।
तेनालीरामन की चतुराई की एक अन्य घटना का वर्णन करें।
mediumAnswer: तेनालीरामन ने एक बार गाँव वालों को उनकी समस्याओं का हल बताया और उनके लिए लाभ कमाया।
यदि तेनालीरामन शतरंज खेलना जानते होते, तो राजा के साथ उनकी खेल की रणनीति क्या होती?
hardAnswer: वह अपनी बुद्धिमत्ता से राजा को पराजित करने की कोशिश करते, जिससे राजा भी प्रभावित होता।
तेनालीरामन को राजा के दरबार में विशेष दर्जा क्यों दिया गया था?
mediumAnswer: उनकी हाजिरजवाबी और समस्याओं का अनोखा समाधान खोजने की क्षमता के कारण।
तेनालीरामन के दरबारी होने का क्या महत्व था?
easyAnswer: तेनालीरामन का दरबारी होना उनके ज्ञान, सूझबूझ और चतुराई का प्रतीक था, जो उन्होंने समय-समय पर साबित किया।