Chapter 3: ज्ञान-प्राप्ति

Hindi - Sanshipt Budhcharit • Class 8

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Chapter Analysis

Intermediate10 pages • Hindi

Quick Summary

इस अध्याय में, बुद्ध के जीवन के अत्यंत महत्वपूर्ण चरण का वर्णन है जहाँ वे ज्ञान प्राप्त करने का दृढ़ निश्चय करते हैं। सिद्धार्थ ने कई ऋषियों के माध्यम से आत्मज्ञान की खोज की, लेकिन कोई संतोष प्राप्त नहीं हुआ। अंततः वे एक वृक्ष के नीचे ध्यानस्थ होकर ज्ञान प्राप्त करते हैं। अध्याय मार (कामदेव) के संघर्ष और अंततः बुद्धत्व की प्राप्ति की यात्रा को दर्शाता है।

Key Topics

  • ज्ञान की प्राप्ति
  • सिद्धार्थ का तपस्या
  • मार और बुद्ध का संघर्ष
  • आत्मनिर्भरता और संयम
  • सत्य और धर्म का पालन
  • तृष्णा और उसके प्रभाव
  • बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान

Learning Objectives

  • छात्र जीवन में संयम और धैर्य का महत्व समझ सकते हैं।
  • सिद्धार्थ के जीवन से प्रेरणा लेकर स्वयं की दोषों का निरीक्षण कर सकते हैं।
  • ज्ञान प्राप्ति के लिए कठिनाइयों का सामना करने की हिम्मत जुटा सकते हैं।
  • आत्मज्ञान की खोज और उसके महत्व को समझ सकते हैं।
  • धर्म और सत्य के रास्ते पर चलने की प्रेरणा पा सकते हैं।
  • त्याग और तपस्या के महत्व का अनुभव कर सकते हैं।

Questions in Chapter

महामसुन ने किस प्रकार से आतिक्त प्राप्त की?

Answer: महामसुन ने कठिन तपस्या और ध्यान के माध्यम से बोधि प्राप्त किया।

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मार ने किस प्रकार से महामसुन को पराजित करने का प्रयास किया?

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Additional Practice Questions

सिद्धार्थ ने किन कारणों से गृहत्याग किया?

medium

Answer: सिद्धार्थ ने जीवन के अस्थायी सुख-दुखों से अलिप्त रहकर आत्मज्ञान की खोज के लिए गृहत्याग किया।

बुद्धत्व प्राप्त करने के बाद सिद्धार्थ ने कौन सी शिक्षाएँ दी?

hard

Answer: बुद्धत्व प्राप्त करने के बाद सिद्धार्थ ने दुख, तृष्णा और निर्वाण पर शिक्षाएँ दीं।

मार का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है?

easy

Answer: मार मनुष्य के भीतर की इच्छाओं और लालसाओं को दर्शाता है जो आत्मज्ञान के मार्ग में बाधा उत्पन्न करती हैं।

वृक्ष के नीचे ध्यान लगाकर बुद्ध ने क्या अनुभव किया?

medium

Answer: वृक्ष के नीचे ध्यान लगाकर बुद्ध ने संपूर्ण चेतना और सत्य के आत्मज्ञान का अनुभव किया।

सिद्धार्थ के ध्यान और आत्मसंयम का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?

easy

Answer: सिद्धार्थ के ध्यान और आत्मसंयम ने समाज में शांति और करुणा का संदेश फैलाया।